प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन, अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ। प्राण देकर भी वचन निभाते आजीवन, अग्नि साक्षी तो सात जन्म हैं रहते साथ।
मैं बस पर्वत की भाँति खड़ा ही रहा, और वो चंचल नदी सी मचलती रही। ईश्क दोनों तरफ से म मैं बस पर्वत की भाँति खड़ा ही रहा, और वो चंचल नदी सी मचलती रही। ईश्क दोनो...
रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो। रह -रह के मुठियाँ जोश से भर रहीं है क्रोध बड़ा, मत इतना ताप दो।
तान छेड़े श्याम सुंदर जब नदी के सामने है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने। तान छेड़े श्याम सुंदर जब नदी के सामने है मगन राधा दीवानी बांसुरी के सामने।
अक्सर करता है इन्सान घमंड, जब पाता है दौलत और शौहरत, पर समझता नहीं है वो ये बात कि, अक्सर करता है इन्सान घमंड, जब पाता है दौलत और शौहरत, पर समझता नहीं है वो य...
एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पलासी में। एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पल...